निदेशक का संदेश


नीग्रिम्स की स्थापना सन 1987 में हुई। इसका उद्देश्य एम्स, नई दिल्ली और पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ की तरह एक स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान बनना है। यह संस्थान पूर्वोत्तर क्षेत्र का प्रथम स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान है एवं स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित देश का अपने तरह का तृतीय चिकित्सा संस्थान है। इसे 12 जनवरी, 1987 को रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज, मेघालय, शिलांग द्वारा एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था। ये वर्तमान में "पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, शिलांग" के नाम से विख्यात है।


भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की आबादी लगभग 46 मिलियन है, जो लगभग 400 अस्पतालों द्वारा कवर किए गए 2.6 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में भारतीय आबादी का लगभग 3.7% है, जहाँ डॉक्टरों की आबादी का अनुपात राष्ट्रीय आंकड़े 1 :2000 के मुकाबले लगभग 1: 5000 है। इस प्रकार देखा जाए तो चिकित्सा क्षेत्र में कुल मिलाकर 50% और स्वास्थ्य क्षेत्र में कुल मिलाकर 60%  जनशक्ति की कमी है। इसी कमी को दूर करने हेतु पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल संस्थान एवं मानव संसाधन विकास के रूप में नीग्रिम्स की परिकल्पना एक अनमोल धरोहर के रूप में की गई है।


नीग्रिम्स पूर्वोत्तर क्षेत्र का गौरव होने के साथ ही उत्कृष्टता की कसौटी पर सम्पूर्ण रूप से खरा उतरता है और जो केंद्रीय सरकार के स्वास्थ्य देखभाल नीति का मार्गदर्शन करने हेतु एक शीर्ष समन्वय केंद्र का मिशन रखता है।  यह संस्थान डबल्यूएचओ, यूनिसेफ, विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों के साथ समन्वय स्थापित किए हुए है तथा स्वास्थ्य क्षेत्र की गतिविधियों में शिक्षण सह स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को विकसित करने के साथ-साथ प्रशिक्षण, सेवाओं और अनुसंधान के माध्यम से स्वयं को स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान का एक आत्मनिर्भर उत्कृष्ट संसाधन केंद्र विकसित करने की ओर अग्रसर है।


2008 में नीग्रिम्स ने 50 एमबीबीएस सीटों के साथ अपना स्नातक एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू किया था और आगामी शैक्षणिक वर्ष में यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। हमारे संस्थान में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (एमडी/एमएस पाठ्यक्रम) और पोस्ट-डॉक्टोरल कार्यक्रम (डीएम कार्डियोलॉजी) की शुरुवात क्रमश: 2009 और 2012 में हुई। 2006 में 50 छात्रों के वार्षिक प्रवेश के साथ बी.एससी. नर्सिंग पाठ्यक्रम शुरू किया गया था, जिसे आने वाले शैक्षणिक वर्ष में दोगुना कर 100 किया जाएगा। यहाँ पर 2016 में 10 छात्रों के प्रवेश के साथ एम.एससी. नर्सिंग पाठ्यक्रम शुरू हुआ।


नीग्रिम्स की अकादमिक परिषद ने कार्डियो वैस्कुलर थोरेसिक सर्जरी, यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स और फिजिकल मेडिसिन रिहैबिलिटेशन, इमरजेंसी मेडिसिन और ट्रॉमा, रेडिएशन साइंसेज, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, क्लिनिकल हेमेटोलॉजी और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, नेत्र विज्ञान, ईएनटी, क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री, सामुदायिक चिकित्सा आदि विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट/पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप प्रोग्राम शुरू करने को मंजूरी दे दी है।


1998 में अपने आरंभिक चरण में नीग्रिम्स ने 2001 में मात्र 30 बेड के साथ आंतरिक रोगी सेवाओं की शुरुआत की। वर्तमान में नीग्रिम्स ने उक्त बेड़ों की संख्या 594 हो गई है। वर्ष 2019-20 में वार्षिक तौर पर संस्थान ने 3,87,454 बाह्य रोगियों और 17,146 आंतरिक रोगियों को गुणवत्ता चिकित्सा देखभाल सेवा प्रदान की है। आज की तारीख में संस्थान हाई एंड डायग्नोस्टिक्स का संचालन भी कर रहा है एवं जनरल सर्जरी, आंतरिक चिकित्सा, आर्थोपेडिक्स, प्रसूति एवं स्त्री रोग, ओटोरहिनोलारिंजोलॉजी, नेत्र विज्ञान, गहन देखभाल चिकित्सा, आपातकालीन चिकित्सा, यूरोलॉजी सर्जरी में ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप, ईसीएमओ, वीडियो-एंडोस्कोपिक के अलावा सीटी-गाइडेड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के साथ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी , ओपन हार्ट सर्जरी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, मिनिमल एक्सेस सर्जरी, हाइब्रिड प्रोसीजर और एंडोवास्कुलर इंटरवेंशन आदि की सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, सम्पूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए टेलीमेडिसिन और प्रशामक देखभाल सेवाएँ भी प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर जोड़ प्रत्यारोपण,  जी आई इंडोस्कोपी,  लेजर फोटो कोवागुलेशन, इम्यूनों-हिस्टो केमेस्ट्री की उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।


हमारे पास पूर्वोत्तर क्षेत्र में उच्च स्तरीय आणविक रोगविज्ञान प्रयोगशाला के अलावा एक अत्याधुनिक वायरल डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला (वीडीआरएल) भी है। हम कंपोनेंट ट्रांसफ्यूजन, हेमोडायलिसिस, शारीरिक चिकित्सा और पुनर्वास सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम अपने सामुदायिक चिकित्सा विभाग के सहयोग से आउटरीच शिविरों के माध्यम से बहुत दूरस्थ स्थानों में जरूरतमंद मरीजों को प्राथमिक व गुणवत्ता चिकित्सा देखभाल सेवाएँ प्रदान करते हैं। नीग्रिम्स बेसिक और पैरा-क्लिनिकल साइंसेज में उन्नत अनुसंधान होने का भी दावा करता है।


नीग्रिम्स के पास एक सश्क्त शैक्षणिक कार्यक्रम है और साथ ही यह नियमित विभागीय कार्यक्रमों के अलावा क्लिनिकल ग्रैंड राउंड और क्लिनिको-पैथोलॉजिकल सम्मेलन आयोजित करता है।  राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, सीएमई, टेलीकांफ्रेंस, टेली-मेडिसिन सत्रों में न केवल हमारे संकाय सदस्य सक्रिय रूप से भाग लेते हैं बल्कि इस तरह के कार्यक्रम भी आयोजित करते है। विभिन्न फंडिंग एजेंसियां, विशेष रूप से आईसीएमआर, डीएसटी, डीबीटी आदि को शामिल कर नीग्रिम्स देश के अन्य प्रमुख संस्थानों के सहयोग से कई परियोजनाएं और सक्रिय अनुसंधान के साथ-साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाता है।


पूरे पूर्वोतर क्षेत्र को सर्वोत्तम सुलभ एवं मानक देखभाल प्रदान करना हमारा कृत संकल्प है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु हमें कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए मंजूरी प्राप्त हुई है जो पहले से ही योजना बद्ध हैं और आने वाले महीनों में इनको चालू हो जाना चाहिए। इनमें नया मेडिकल कॉलेज भवन और नर्सिंग कॉलेज परिसर, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ 252 बिस्तरों वाला क्षेत्रीय कैंसर केंद्र, एक क्षेत्रीय ट्रॉमा सेंटर, पैरामेडिकल विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, दंत चिकित्सा विज्ञान कॉलेज, हृदय विज्ञान और तंत्रिका विज्ञान के लिए एक अलग सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए एक अलग ब्लॉक, आनुवंशिकी और आणविक चिकित्सा विभाग, एक शारीरिक चिकित्सा और पुनर्वास केंद्र और जेनेरिक चिकित्सा विभाग शामिल हैं।  नीग्रिम्स एक हेलीपैड और अत्याधुनिक एयर-एम्बुलेंस और कमांड एवं कंट्रोल रूम संचालित करने की भी योजना बना रहा है।


हम अपने जैव-चिकित्सा उपकरणों की देखभाल और इंजीनियरिंग सुविधाओं के रखरखाव के लिए अनुप्रयुक्त विज्ञान में अनुसंधान पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और आगामी समय में जैव-चिकित्सा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
यहाँ पर वर्तमान में 594 बिस्तरों की क्षमता और गहन देखभाल बिस्तरों, ट्रॉमा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं और प्रस्तावित सुविधाओं के साथ 35 विषयों में स्नातकोत्तर/पोस्ट डॉक्टरेट शिक्षण सुविधाये हैं। आने वाले समय में 252 बिस्तरों वाला क्षेत्रीय कैंसर केंद्र और अलग मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज और दंत चिकित्सा विज्ञान, रोगी विश्राम गृह, हेलीपैड, उत्तर पूर्व के दूर-दराज और ऊंचे इलाकों से गंभीर रूप से बीमार/घायल रोगियों को हवाई मार्ग से आने-जाने  और परिवहन के दौरान प्रबंधन प्रदान करने के लिए एयर एम्बुलेंस, शिलांग बाईपास के साथ बेहतर सड़क कनेक्टिविटी करने हेतु नीग्रिम्स प्रयासरत है। पूर्वोतर क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल, मानव संसाधन विकास और चिकित्सा पर्यटन के लिए सबसे आधुनिक और अद्यतन सुविधाओं के साथ प्रमुख रेफरल क्षेत्रीय केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।


केंद्र सरकार की "पूरब की ओर देखो" नीति के साथ पूर्वोतर इंदिरा गांधी स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान संस्थान प्रौद्योगिक वृद्धि और विकास के लिए मेघालय  यानि "मेघों का घर" में हरे-भरे देवदार के जंगलों के बीच स्थित होते हुए , स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते रहने की इच्छा रखता है। मानवता की गौरवान्वित सेवा के लिए आने वाले भविष्य में अंग प्रत्यारोपण जैसे - (हृदय, यकृत, गुर्दे, कॉर्निया प्रत्यारोपण आदि), स्टेम सेल थेरेपी, ई-उपचार “संस्थान पूर्वोतर में गुणवत्ता युक्त संस्थान” होने की आशा करता है।